Litchi Farming बस लीची की खेती आपको बना सकता है मालामाल जानिए कैसे करनी चाहिए लीची की खेती

Rate this post

Litchi Farming : कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि यदि आप लीची की खेती में बहुत अच्छा फायदा चहिये तो वैज्ञानिक तरीके से करते हैं तो आपको अच्छे लाभ होता है। पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में इसकी खेती के लिए अक्टूबर-नवंबर का मौसम सबसे अच्छा माना जाता है। इसकी खेती कर किसान अच्छा फायदा भी कमा सकता है, यह अपने खूबसूरत रंगों की कारण भी अधिक डिमांड में रहती है। इसका रंग इतना अच्छा है की हर कोई इसे देख कर खाने का मन होता है।

Litchi Farming बस लीची की खेती आपको बना सकता है मालामाल जानिए कैसे करनी चाहिए लीची की खेती 

लीची की खेती ऐसे खेत में करें जहां अधिक जल सूखने वाली मिट्टी या लेटराइट मिट्टी हो जिससे कि पौधे की अच्छी प्रगति और बढ़िया फलो का उत्पादन हो हो सके लीची की खेती सामान्य पीएच वाली गहरी बुलई दोमट मिट्टी अत्यंत उपयुक्त होती है किशन लीची की खेती के लिए जल निकासी की पूरी व्यवस्था करें जिससे कि फलों को नुकसान ना हो और आपको अच्छी पैदावार मिल सके।

लीची की खेती के लिए जमीन की तैयारी

लीची की खेती के लिए सबसे पहले किसान को दो से तीन बार जुताई कर फिर खेत पर पाटा लगाकर इसे समतल करें। अब खेत में इस तरह कियारियां बनाएं कि इसमें सिंचाई के समय पानी जमा न हो। लीची के बिजाई के लिए कम से कम दो वर्ष पुराने पौधे चुनें।  कियारियों का फासला 8-10 मीटर का फासला रखें। लीची का बीजाई सीधे बीज लगाकर और पनीरी लगाकर की जाती है।

लीची की खेती के लिए उन्नत किस्में

हमें लीची की खेती के लिए सही और उन्नत तरीके की किस्म को चुनना अति आवश्यक है जिससे कि हमारी फसल की पैदावार भी अच्छी हो और हमें फल की क्वालिटी भी अच्छी मिली। यह मुख्य किस्म गुलाबरी, स्वर्ण रूपा, शाही और देहरादून, कलकत्तिया और चाइना लीची की उन्नत किस्में मानी जाती हैं।

Litchi Farming बस लीची की खेती आपको बना सकता है मालामाल जानिए कैसे करनी चाहिए लीची की खेती 

लीची की खेती के लिए गूटी विधि को मानते हैं अच्छा

गूटी तैयार करने के लिए लीची के एक 5-7 साल पुराने वृक्ष से स्वस्थ और सीधी डाली चुन लें। अब डाली के शीर्ष से 40-45 सेंटीमीटर नीचे किसी गांठ के पास गोलाई में 2.5-3 सेंटीमीटर का चौड़ा छल्ला बना लेते हैं। छल्ले के ऊपरी सिरे पर आईबीए के 2000 पीपीएम पेस्ट या रूटेक्स का लेप लगाकर छल्ले को नम मॉस घास से ढककर ऊपर से पारदर्शी पॉलीथीन का टुकड़ा लपेट कर सुतली से कसकर बांध दें। गूटी बांधने के लगभग 2 माह के अंदर जड़ें पूर्ण रूप से विकसित हो जाती हैं। इस समय डाली की लगभग आधी पत्तियों को निकालकर एवं मुख्य पौधे से काटकर नर्सरी में आंशिक छायादार स्थान पर लगा दिया जाता है।

इसके साथ अंतर फसलों की करे खेती

लीची की खेती करने वाले किसान साथ में अंतर फसलों की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।लिची की फसल को बढ़ने में 7-10 साल का समय लगता है पौधों की वृद्धि के शुरूआती 3-4 साल तक अंतर फसलें जैसे आड़ू, आलू बुखारा, दाल या सब्जियों की फसलें लीची के खेत में आसानी से उगाई जा सकती हैं।

अंकुरण की ऐसे करें देखभाल

बीज के अंकुरण के समय अधिक देखभाल की जरूरत होती है. फल छेदक सूंड़ी, जूं और सूरंगी कीट बीजों के अंकुरण को चट कर सकते हैं। इनसे बचने के लिए डीकोफोल 17.8 ईसी 3 मिली ग्राम या प्रॉपरगाइट 57 ईसी 2.5 मिलीग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर लीची के अंकुरण के समय खेत में स्प्रे करते रहें।

Litchi Farming बस लीची की खेती आपको बना सकता है मालामाल जानिए कैसे करनी चाहिए लीची की खेती 

यह भी पढ़े –

लाडली लक्ष्मी योजना में E-Kyc कराने टेमझिरा “ब” पंचायत आई महिलाओं पर गिरा पंखा, 2 महिलाएं हुई घायल

KISAN KARJ MAFI YOJNA UPDATE 2023 किसान कर्ज माफ़ी योजना की लिस्ट किसान आसानी से देख सकते है जानिए पूरी जानकारी के साथ

बिसनूर के किसानों को 2020 खरीफ फसल बीमा राशि नहीं मिलने पर सौपा ज्ञापन।

Litchi Farming बस लीची की खेती आपको बना सकता है मालामाल जानिए कैसे करनी चाहिए लीची की खेती 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button