kisaano ko अब आधे दाम पर मिलेगी इफको की नैनो डीएपी, अमित शाह बोले- कैमिकल फ्री होंगे खेत, किसान करें इस का उपयोग
kisaano ko अब आधे दाम पर मिलेगी इफको की नैनो डीएपी, अमित शाह बोले- कैमिकल फ्री होंगे खेत, किसान करें इस का उपयोग। भारत कृषि प्रधान देश है। करोड़ों किसानों को राहत पहुंचाते हुए केंद्र सरकार ने नैनो डीएपी फर्टिलाइजर को जारी कर दिया है। कृषि के लिए नैनो यूरिया के बाद अब स्वदेशी नैनो डीएप (तरल) फर्टिलाइजर बोतल में उपलब्ध होगी।
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किसानों की आय में नैनो तरल यूरिया एवं नैनो तरल डीएपी की एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। मृदा स्वास्थ्य में सुधार, कृषि लागत में कमी, जलवायु एवं पर्यावरण प्रदूषण में कमी नैनो फर्टिलाइज के जरिए ही संपन्न की जा सकती है। अब किसानो को भी फायदा हो सकता है। जिसके साथ ही विश्व में खादों की खपत का भी सबसे बड़ा मार्केट बताया जा रहा है।
किसान होंगे आत्मनिर्भर
इफको नैनो डीएप (तरल) फर्टिलाइजर से किसानों को बहुत ही फायदा होगा। अब नैनो डीएपी के प्रयोग से जहां खेती में डीएपी फर्टिलाइज की लागत कम होगी, वहीं सरकार को खाद सब्सिडी पर भी बचत होगी। इफको नैनो डीएपी (तरल) फर्टिलाइजर से देश फर्टिलाइजर के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनेगा. जिससे किसानो को फसल में लगत भी कम आएगी।
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कम कीमतों में अधिक फायदा
बोतल बंद इफको नैनो डीएप(तरल) फर्टिलाइजर दानेदार डीएपी की तुलना में आधे से भी कम कीमत पर किसानों को उपलब्ध हैं। पारंपरिक दानेदार डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) के 50 किलो की एक बोरी की कीमत 1350 रुपए है। जबकि नैनो तरल डीएपी की 500 एमएल की एक बोतल कीमत करीब 600 रुपए है। कम कीमतों में किसानो को अधिक फायदा होगा। स्वदेशी नैनो डीएपी (तरल) के प्रयोग से खेती में किसानों को आधे से अधिक की बचत होगी और आयात पर निर्भरता घटेगी। नैनो डीएपी की आधा लीटर की एक बोतल पारंपरिक डीएपी के लगभग 50 किलो की एक बोरी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए उपयुक्त है।
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कितना प्रतिशत है नाइट्रोज़न और फास्फोरस
जानकरी के लिए बता दे की नैनो डीएप तरल के 500 एमएल की बोतल में 8 प्रतिशत नाइट्रोजन एवं 16 प्रतिशत फास्फोरस है। जिसकी वजह से यह लगभग एक बोरी पारंपरिक दानेदार डीएपी को रिप्लेस करेगा। इफको को नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी (लिक्विड) फर्टिलाइज के लिए 20 वर्ष तक का पेटेंट मिला है।
जिसके तहत नैनो यूरिया और नैनो तरल डीएपी की बिक्री पर 20 प्रतिशत तक रॉयल्टी इफको को प्राप्त होगी। इफको द्वारा नैनो डीएपी (लिक्विड) की 18 करोड़ बोतल के उत्पादन से वर्ष 2025-26 तक लगभग 90 लाख मीट्रिक टन पारंपरिक डीएपी का बोझ कम किया जा सकता है।
प्रतिदिन का उत्पादन
नैनो डीएप तरल का भी पहला सयंत्र कलोल, गुजरात में लगा है। उन्होंने कहा कि एक साल के भीतर नैनो यूरिया के तीन संयंत्रों को चालू कर दिया गया है, जिससे अभी छह करोड़ तीन लाख बोतल की आपूर्ति की जा रही है। इफको अपनी कलोल इकाई में प्रति दिन 500 एमएल की दो लाख बोतलों की उत्पादन क्षमता के साथ एक नैनो डीएपी (तरल) संयंत्र स्थापित कर रहा है.जिससे आने वाले समय में किसानो को अपनी फसलों का उत्पादन कम दिनों में प्राप्त होगा।
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