implicated Computer operator : खुद को बचाने के लिए अधिकारियों ने रची साजिश कंप्यूटर ऑपरेटर को भ्रष्टाचार में फसाया
implicated Computer operator : खुद को बचाने के लिए अधिकारियों ने रची साजिश कंप्यूटर ऑपरेटर को भ्रष्टाचार में फसाया
news by humdard news reporter –Mahendra vishwakarma
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भ्रष्टचार की मुहिम में हुआ मामला दर्ज कर्मकार योजना में पैसा भ्रष्टाचार गबन करने वाले जनपद पंचायत नैनपुर के अधिकारियों पर नही हो सका अपराध दर्ज कंप्यूटर ऑफरेटर पर करा दिया अपराध दर्ज…
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आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला में सरकारी योजनाओं में ग़बन करना भ्रष्टाचार करना ये कोई नई बात नही है इस जिले में ये आम बात है इस जिले के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासन कुभकर्णीय नीद से भी गहरी नींद में सो रहे है। मिडिया और जनता लाख कहती रहे कि मेरी पेंशन खा गए मेरी मजदूरी खा गए मुझे मिलने वाला सरकारी राशि निकाल लिए पता नही ऐसे अनेक मामले है पर किसी जिम्मेदार जिला प्रशासन और प्रतिनिधियों के कानों में जू भी रेग जाए इन्हें कोई मतलब नही की कहाँ क्या हो रहा है कौन लूट रहा है और कौन लूट रहा है बस इन्हें केवल केवल अपना हिस्सा से मतलब तुम कही कुछ करो पर जिनका जो हिस्सा है उसे समय रहते पहुँचा दो फिर जनता और मीडिया चीखती रहे चिल्लाती रहे किसी को कोई फर्क नही पड़ता।
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वही आपको बता दे कि सरकारी योजनाओं में सरकारी कर्मचारी और अधिकारी कैसे सेंध लगाते है ये कोई जिले की जनपद और ग्राम पंचायतों से सीखे भ्रष्टाचार और ग़बन का अपने समाचार पत्रों में प्रकाशित करके सोए हुए जिम्मेदारो को आखिर उठा ही दिया उन्हें मजूबर कर दिया कि आख़िर कुछ तो कार्यवाही करो तो आनन फानन में इस कर्मकार योजना में एक छोटे से प्यादे की बलि ले ली और बड़े बड़े मगरमच्छ आज भी जांच के घेरे से बाहर नजर आ रहे है जिला पंचायत से जॉच करने आए अधिकारियों ने पूरी जॉच नही की और छोड़ 03 साल का ब्यौरा कर की जांच कर और जांच में लीपापोती कर अपने ऊपर वालो को बचाते नजर आए
आखिरकार जनपद पंचायत नैनपुर में कर्मकार योजना में किया गया करोड़ों का भ्रष्टाचार ग़बन घोटाला में जांच कर अपनी खाना पूर्ति कर दी। मगर पंचायत के इस घोटाले की खबर जनपद के अधिकारों बक्श दिया गया और कम्प्यूटर आपरेटर के ऊपर करीब दो करोड़ का घोटाला पर कार्यवाही कर दी पर क्या कम्प्यूटर ऑपरेट ही इस पूरे घोटाले का मास्टर माइंड है या इसके पीछे की कहानी क्या है और इस कम्प्यूटर ऑपरेट के माई बाप क्यो बख्शा जा रहा है इनके और भी जो जिम्मेदार है जिनके इशारे में ये सरकारी योजना में पूरा ग़बन भ्रष्टाचार घोटाला हुआ है उन पर आख़िर कब तक होगी कार्यवाही या फिर बच जाएंगे ।
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वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय से आई जांच टीम के अधिकारियों ने ऐसी जॉच की सरकारी योजना में गबन करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर अपराध दर्ज नहीं हो सका और ग़बन का पूरा छिकारा कंप्यूटर ऑफरेटर जितेंद्र जंघेला पर फोड़ दिया और उस अकेले कम्प्यूटर ऑपरेटर पर गंभीर धारायो में अपराध दर्ज करा दिया गया। आखिर कैसे बच रहे जिम्मेदार जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और जांच टीम इन जिम्मेदार अधिकारियों को आखिर क्यों बख्श रही है इसके पीछे क्या वजय है की जिस जनपद पंचायत के सीईओ विनोद मरावी के द्वारा 13 अप्रैल 2023 को पुलिस थाना नैनपुर में जनपद पंचायत में हुए करीब 1 करोड़ 16 लाख 56 हजार 1 रुपये 60 पैसे रूपये के गबन घोटाला मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई। जिसमें जितेंद्र जघेला पर नामजद अपराध दर्ज किया गया है। और 10 खातों की जानकारी भी शामिल की गई। और जितेंद्र जंघेला के सहयोगियों पर जाँच पकड़ से बाहर इसके पीछे की वजय आखिर कुछ तो है। जो कि कम्प्यूटर ऑपरेटर ने सरकारी कर्मकार योजना में अकेले तो भ्रष्टाचार नही किया ऑपरेटर के द्वारा अनेक सहयोगियों के बैक के खातों में राशि ट्रासफर की गई आखिर उन सभी से पूछताछ क्यों नही की गई उन्हें क्यो छोड़ा जा रहा है। ये जनचर्चा बनी हुई है
वही सूत्रों की माने तो जांच अधिकारियों के द्वारा मामले को दबाने अथक प्रयास किया और वतर्मान जारी है शायद लिऐ जांच वर्ष 2019 से 2022 तक ही की जांच कर इति श्री कर दी गई
वही नैनपुर जनपद पंचायत के वर्ष 2017 से लगातार घोटाला किया जा रहा है। मगर जांच अधिकारियों ने जानबुझकर बीते वर्षों को छोड़ दिया है। और जिसके कारण गबन भ्रष्टाचार की राशि भी कम हो गई और जितने भी पूर्व सीईओ थे। उनको भी बचाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।वही नैनपुर में पदस्थ रहे सीईओ जी के जैन वत्सला शिवहरे, प्रियंका वर्मा सीईओ चौहान अजीत मिश्रा और अन्य ऐसे सीईओ के कार्यकाल से लेकर 6 सीईओ की डीएससी का उपयोग दैनिक वेतन भोगी कम्प्यूटर आपरेटर जितेन्द्र जघेला निवासी वार्ड क्रमांक 6 के द्वारा और सहयोगियों की मदद से मिल कर किया जाता रहा था। जिस पर पुलिस थाना नैनपुर में सिर्फ बली का बकरा दैनिक वेतन भोगी कम्प्यूटर आपरेटर जितेन्द्र जघेला को बनाया और उस पर एफआईआर की गई है। और सभी जिम्मेदार आरोपी सीईओ को जिला स्तर की जांच टीम अभय दान देते हुए अधिकारियों बचाने का पूरा प्रयास किया गया है। मगर समय के साथ जल्द ही नए खुलासे होने बाकी है
शायद सोची समझी रणनीति योजना के तहत इस भ्रष्टाचार में शामिल 6 मुख्य कार्यपालन अधिकारी पदस्थ रहे सभी को बचाने का प्रयास किया गया है।
नैनपुर जनपद पंचायत में सीईओ का स्थानांतरण तो होते गया परंतु डीएससी का उपयोग जनपद के कर्मचारी जो पर्दे के पीछे रह कर बाद में भी वे शासकीय धन से होली खेलते रहे ओर आज जब खुलासा हुआ तो कार्यवाही सिर्फ कम्प्यूटर आपरेटर जितेन्द्र जंघेला पर ही आखिर क्यों की जा रही है। बाकी सी ई ओ के ऊपर क्यो जांच टीम जांच नही कर रही है, इसमें विभाग के कर्मचारी की संलिप्ता होने के कारण इतने बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया है। वही मामले में वर्ष 2017 से जनपद नैनपुर में पदस्थ रहे सीईओ जी के जैन, वी के श्रीवास्तव, आर के चौहान, जी के जैन, श्रीमति वत्सला शिवहरे सहित विनोद कुमार मरावी की डीएससी का पूरा पूरा उपयोग कर शासकीय राशि का गवन किया जाना बताया जा रहा है जो कि सूक्ष्मता से जांच का विषय है तभी शासकीय राशि की बसूली हो पायेगी। आपरेटर जितेन्द्र जघेला से गहन पुछताझ से मामला बढ़ता ही जायेगा और नए चौकाने वाले खुलासे हो सकते है ।
नैनपुर पुलिस थाना में गंभीर धाराओं में मामला हुआ पंजीबद्ध
नैनपुर के द्वारा जिला प्रशासन के प्रतिवेदन के अनुसार जितेन्द्र जंघेला पर इन धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया 420, 467, 468, 471, 409, 120-बी 34 का मामला पंजीबद्ध किया गया है। जिसके कारण जितेन्द्र की मुस्किले बढ़ती नजर आ रही है। और अब जितेन्द्र जंघेला के मिलते ही उसके साथी का नाम भी सामने आ सकता है। और सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जितेन्द्र जंघेला के द्वारा किये गए भ्रष्टाचार ग़बन घोटाला में खबर न छापने को लेकर कुछ तथाकथित पत्रकारों ने खबर लिखने को लेकर भी मड़वाली की थी ओर खबर लिखे जाने तक पुलिस के द्वारा जितेन्द्र जंघेला को फरार बताया जा रहा है।
इनका कहना है।
जनपद पंचायत के अधिकारियों के द्वारा कर्मकार योजना के मामले में जितेंद्र जघेला पर विभिन्न धाराओं में अपराध दर्ज किया गया है और जांच जारी है।
दुर्गा प्रसाद नगपुरे
थाना प्रभारी नैनपुर मंडला