MP के इस गांव में नहीं होती ओलावृष्टि, मान्यता- हनुमान मंदिर में उल्टा हल लगाने से होता है चमत्कार
MP के इस गांव में नहीं होती ओलावृष्टि, मान्यता- हनुमान मंदिर में उल्टा हल लगाने से होता है चमत्कार
(Ujjain) उज्जैन के मगरोला ग्राम में खेड़ापति हनुमान का (Khedapati Hanuman mandir) मंदिर है, जहां ग्रामीण मंदिर पर उल्टा हल और उसके ऊपर आटा छन्नी लगाते हैं, मान्यता के अनुसार ऐसा करने से गांव में कभी ओलावृष्टि (Olavristi) नहीं होती।
उज्जैन 22 मार्च। मध्यप्रदेश में इन दिनों ओलावृष्टि के चलते फसलों को भारी नुकसान होने की जानकारियां सामने आ रही हैं, जिससे किसानों में हाहाकार मचा हुआ है। जबकि प्रदेश की धार्मिक नगरी कहे जाने वाले शहर उज्जैन के एक गांव से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां उज्जैन जिले में एक ऐसा गांव भी है, जहां कभी ओलावृष्टि नहीं होती है।
ये भी पढ़ें….चैत्र नवरात्री पर्व पर होंगे गायत्री हवन एवं विभिन्न संस्कार
उज्जैन के मगरोला ग्राम में खेड़ापति हनुमान का मंदिर बड़ा चमत्कारी मन्दिर है, जहां ग्रामीण मंदिर पर उल्टा हल और उसके ऊपर कंडा और आटा छन्नी लगाते हैं, मान्यता के अनुसार ऐसा करने से गांव में कभी ओलावृष्टि नहीं होती।
ये भी पढ़ें….Haryana news:- स्पा (spa)सेंटर की आड़ में चल रहा था देह व्यपार का धंधा, फर्जी ग्राहक भेज पुलिस ने पांच को पकड़ा |
कुछ ऐसा है मामला
ये भी पढ़ें…..खेत पर गई महिला की गला रेत कर की हत्या जांच में जुटी पुलिस
साल 1987 में ग्राम मगरोला में ओलावृष्टि के कारण हाहाकार मचा था, जब पूरे गांव में फसले चोपट होने साथ पशु-पक्षियों की ओलावृष्टि के कारण मौत हो गई थी। ओलावृष्टि इतनी भयंकर थी की ग्रामीणों में ओलावृष्टि का डर हमेशा बना रहने लगा। एक दिन एक संत ने ग्रामीणों को ओलावृष्टि से बचने का उपाय बताया, जहां संत द्वारा बताया गया की, मंदिर के बाहर हनुमान अष्टमी के दिन उल्टा हल लगाया जाए, और उल्टे हल पर आटा छानने की छलनी लगाई जाए, इससे पूरे ग्राम में कभी भी ओलावृष्टि नहीं होगी, और ना ही ओलावृष्टि के कारण किसी भी प्रकार की जनहानि होगी।
ग्रामीण मान रहे चमत्कार
ये भी पढ़ें….शिमला में 22 साल के बेटे ने पिता का कत्ल किया, दादी पर भी बोला धावा
संत की बात मानने के बाद ग्रामीणों ने इस उपाय को अपनाया, जिसके बाद तब से लेकर अब तक गांव में ओलावृष्टि नहीं हुई। वहीं हनुमान अष्टमी के दिन उल्टा हल लगाया जाता है, हल लगाने के पहले रामायण की पूजा पाठ, विधि विधान के साथ हनुमान मंदिर में की जाती है। पूरे ग्रामवासी इस दिन यहां पर मौजूद रहते हैं, और फिर गंगा दशहरे के दिन विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कर उल्टा हल यहां से निकाला जाता है, और उस दिन पूरे ग्रामवासी का यहां पर भंडारा भी आयोजित होता है, तब से लेकर अब तक उज्जैन के मंगरोला गांव में किसी प्रकार की कोई ओलावृष्टि के कारण आपदा नहीं आई है।
कुछ ऐसी है मान्यता
ग्रामीण बताते हैं कि, उल्टे हल की स्थापना के समय इस स्थान पर एक कच्चा चबूतरा हुआ करता था, जिस पर उल्टे हल की स्थापना की गई थी, फिर यहां ग्रामीणों ने स्वयं भव्य मंदिर का निर्माण किया। यहां के किसानों और रहवासियों ने खेड़ापति हनुमान मंदिर का रहस्य बताया।
कुलमिलाकर, देखा जाए तो उज्जैन जिले में एक ऐसा गांव भी है, जहां कभी ओलावृष्टि नहीं होती है। उज्जैन के मगरोला ग्राम खेड़ापति हनुमान जी का मंदिर बड़ा चमत्कारी मन्दिर है, जहां ग्रामीण मंदिर पर उल्टा हल और उसके ऊपर आटा छन्नी लगाते हैं, मान्यता के अनुसार ऐसा करने से गांव में कभी ओलावृष्टि नहीं होती।
खेड़ापति हनुमान मंदिर में उल्टा हल लगे होने के कारण यहां नहीं होती है ओलावृष्टि(मंदिर पर लगा उल्टा हल)