कम समय में बना है हमें तो आज ही शुरू करें गुलदाउदी के फूलों की खेती,कम समय में बन जाएंगे मालामाल,जाने कैसे
भारत एक कृषि प्रधान राज्य है और यही वजह है कि यहां पर बड़े पैमाने पर खेती की जाती है. भारत में कई तरह की खेती की जाती है और अधिकतर जनसंख्या खेती के ऊपर ही निर्भर करती है. लेकिन आज हम आपको गुलदाउदी की खेती के बारे में बताने वाले.
आपको बता दें कि गुलदाउदी की खेती बड़े पैमाने पर विदेशों में भी की जाती है और यह फूल बहुत ही महंगी बिकती है. गुलदाउदी की खेती करते समय आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए.
निष्प्ररोहन
जब पौधों पर शाखाए निकालना आरम्भ कर देती है, तब इस क्रिया को इस्तेमाल में लाते है | इस क्रिया में यदि आप पौधे से एक ही फूल प्राप्त करना चाहते है, तो मुख्य शाखा को छोड़कर बाकि सभी शाखाओ को निकाल दे | यदि आप एक पौधे से अधिक फूलो का उत्पादन लेना चाहते है, तो बीच वाली शाखा के साथ अगल-बगल वाली शाखाओ को भी बढ़ने दे |
खरपतवार नियंत्रण
पौधों को विकास करने में किसी तरह की समस्या न हो इसके लिए खरपतवार पर विशेष ध्यान देना होता है | इसके लिए पौधों की नीलाई-गुड़ाई की जाती है | गुलदाउदी के पौधों की पहली गुड़ाई पौध रोपाई के 4 सप्ताह बाद की जाती है, तथा बाद की गुड़ाइयो को जरूरत के अनुसार करना होता है |
गुलदाउदी के पौधों को तैयार होने में 5 से 6 महीने का समय लग जाता है | जब पौधों पर लगे फूल पूरी तरह से खिल जाए, उस दौरान फूलो की तुड़ाई कर ले | फूलो की तुड़ाई सुबह या शाम के समय करे, तथा तुड़ाई के पश्चात् उन्हें साफ पानी में डुबोकर रख ले, और फिर किसी छायादार या ठंडी जगह पर भंडारित कर ले, इससे फूल अधिक समय तक खिला हुआ रहता है |
फूलो की तुड़ाई के बाद उन्हें टोकरियों में पैक कर बाज़ार में बेचने के लिए भेज दिया जाता है | एक एकड़ के खेत में 15 से 50 क्विंटल का औसतन उत्पादन प्राप्त हो जाता है, जिससे किसान भाइयो की गुलदाउदी की फसल से अच्छी कमाई हो जाती है |