घाट अमरावती में शराब दुकान हटाने आंदोलन कर रही महिलाओं ने कहा “नही चाहिए लाडली बहना की राशि, शिवराज भैया हटवाए शराब दुकान” धरना जारी
घाट अमरावती में शराब दुकान हटाने आंदोलन कर रही महिलाओं ने कहा “नही चाहिए लाडली बहना की राशि, शिवराज भैया हटवाए शराब दुकान” धरना जारी
अमरावती घाट में शराब दुकान हटाने की मांग पर अड़ी महिलाओ ने रात में धरना स्थल पर ही बनाकर खाया खाना।
खबर मुलताई से मुलताई विधानसभा क्षेत्र के प्रभात पट्टन विकासखंड अंतर्गत घाट अमरावती में कल सुबह से शराब दुकान हटाने के लिए आंदोलन कर रही महिलाएं 24 घंटे से भी ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी अभी तक शराब दुकान के सामने धरना देकर बैठी हुई है, कल शासन प्रशासन द्वारा मान मनव्वल के बाद भी महिलाओं ने साफ कह दिया की जब तक शराब दुकान नहीं हटती तब तक वे नहीं हटेगी। जिसके बाद अधिकारियों को बैरंग लौटना पड़ा।
आज महिलाओं ने कहा है कि यदि आज कोई कार्यवाही नहीं होती और शराब दुकान नहीं हटाई जाती है तो वें शिवराज सिंह चौहान से मांग करने उनके पास जाएंगी और शिवराज सिंह चौहान ने लाडली बहना योजना के हजार रुपए देने की जो घोषणा की है उस पर उनका कहना है कि हमें हजार रुपए महीना पेंशन नहीं चाहिए लेकिन हमारे गांव के बस स्टैंड पर स्थित शराब दुकान को हटाया जाए।
महिलाओं का कहना है कि बस स्टैंड पर शराब दुकान होने से बस स्टैंड पर आने जाने के लिए महिलाओं को परेशानी होती है और आए दिन लड़ाई झगड़े मारपीट तक होती है ,महिलाएं असुरक्षित महसूस करती है। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि शराब दुकान के सामने पहले गंभीर अपराध भी हो चुके हैं, आगे भी ऐसी कोई भी घटना हो सकती है, जिस को ध्यान में रखते हुए शासन प्रशासन से महिलाएं शराब दुकान हटाने की मांग कर रही है।
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कल बीती रात भी महिलाओं ने धरना स्थल पर ही खाना बनाया और खाया वही आज सुबह भी महिलाएं धरना स्थल पर ही खाना बना रही है। उनका कहना है कि वह अपनी काम घर मजदूरी छोड़कर धरना पर बैठी है जबकि शराब ठेकेदार द्वारा महिलाओं को धमकी दी जा रही है कि उनके धरने से हो रहे नुकसान की भरपाई महिलाओं को करनी होगी जबकि जिस जगह शराब दुकान संचालित हो रही है उसका 31 मार्च को किरायानामा समाप्त हो चुका है और दुकान मालिक द्वारा पुनः शराब दुकान के लिए दुकान किराए से देने से मना किया जा चुका है, बावजूद इसके शराब दुकान खाली नहीं की गई वही आज दिन भर से भी शराब ठेकेदार के आदमी द्वारा दुकान खोल कर शराब लेने आने वालों का इंतजार किया जा रहा है।
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महिलाओं द्वारा दिए जा रहे धरने की जानकारी शासन प्रशासन को होने के बावजूद भी शासन प्रशासन शराब दुकान हटाने की कार्यवाही करने के बजाय मूकदर्शक बना तमाशा देख रहा है।
जबकि महिलाओं द्वारा 27 मार्च को ही शराब दुकान हटाने हेतु ग्राम पंचायत में आवेदन दे दिया गया था और 31 मार्च तक दुकान हटाने के आश्वासन पर उन्होंने आंदोलन स्थगित किया था, जिस पर कोई कार्यवाही ना होते देख उन्होंने 1 अप्रैल से फिर से आंदोलन शुरू कर शराब दुकान के सामने धरना देकर बैठ गई। महिलाओं का कहना है कि जब तक शराब दुकान नहीं हटती तब तक वें भी नहीं हटेगी।
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