रामनवमी के पर्व पर ड्रोन से की गई विशेष निगरानी, पुलिस ने निकाला फ्लैग मार्च, पढ़े पूरी खबर

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रामनवमी के पर्व पर ड्रोन से की गई विशेष निगरानी, पुलिस ने निकाला फ्लैग मार्च, पढ़े पूरी खबर

रामनवमी एवं रमजान त्यौहार के मद्देनजर पुलिस अधीक्षक सुश्री सिमाला प्रसाद के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में आज बैतूल पुलिस द्वारा फ्लैग मार्च निकाला गया जो पुलिस कंट्रोल रूम बेतूल से प्रारंभ होकर शहर के विभिन्न महत्वपूर्ण चौराहों एवम स्थानीय मार्गों शिवाजी चौक ,बस स्टैंड , लल्ली चौक ,चौक मेघनाथ चौक थाना चौक कमानी गेट, मुर्गी चौक कॉलेज चौक, बाबू , दिलबहार चौक ,मैकेनिक चौक होते हुए रामनगर , गेंदा चौक ,कारगिल चौक होते हुए कंट्रोल रूम में समाप्त हुआ*

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उपरोक्त फ्लैग मार्च में पुलिस अधीक्षक , अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बैतूल , एडीएम, सीएमओ,एसडीएम, एसडीओपी बेतूल , तहसीलदार रक्षित निरीक्षक,टीआई कोतवाली , टीआई गंज, टीआई यातायात के साथ साथ समस्त रिजर्व पुलिस बल शामिल रहा।
ड्रोन के द्वारा संवेदनशील इलाके जैसे रामनगर फांसी खदान,लल्ली चौक मेघनाथ चौक कोठी बाजार पर कडी निगरानी रखी जा रही है साथ ही संदिग्ध लोगों पर पुलिस द्वारा विशेष नजर रखी जा रही है।

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रामनवमी क्यों मनाई जाती है?

रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है जो अप्रैल-मई में आता है। हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार इस दिन मर्यादा-पुरूषोत्तम भगवान श्री राम जी का जन्म हुआ था।

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भगवान राम जी का जन्म कब हुआ ?

चैत्रे नवम्यां प्राक् पक्षे दिवा पुण्ये पुनर्वसौ ।
उदये गुरुगौरांश्चोः स्वोच्चस्थे ग्रहपञ्चके ॥
मेषं पूषणि सम्प्राप्ते लग्ने कर्कटकाह्वये ।
आविरसीत्सकलया कौसल्यायां परः पुमान् ॥ (निर्णयसिन्धु)

गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस बालकाण्ड में स्वयं लिखा है कि उन्होंने रामचरित मानस की रचना का आरम्भ अयोध्यापुरी में विक्रम सम्वत् १६३१ (१५७४ ईस्वी) के रामनवमी, जो कि मंगलवार था, को किया था। गोस्वामी जी ने रामचरितमानस में श्रीराम के जन्म का वर्णन कुछ इस प्रकार किया है-

भये प्रगट कृपाला दीनदयाला कौसल्या हितकारी।
हरषित महतारी मुनि मन हारी अद्भुत रूप बिचारी॥
लोचन अभिरामा तनु घनस्यामा निज आयुध भुज चारी।
भूषन वनमाला नयन बिसाला सोभासिन्धु खरारी॥
कह दुइ कर जोरी अस्तुति तोरी केहि बिधि करौं अनंता।
माया गुन ग्यानातीत अमाना वेद पुरान भनंता॥
करुना सुख सागर सब गुन आगर जेहि गावहिं श्रुति संता।
सो मम हित लागी जन अनुरागी भयउ प्रकट श्रीकंता॥

रामनवमी पर भगवान राम का पूजन
रामनवमी के त्यौहार का महत्व हिंदु धर्म सभ्यता में महत्वपूर्ण रहा है। इस पर्व के साथ ही माँ दुर्गा के नवरात्रों का समापन भी होता है। हिन्दू धर्म में रामनवमी के दिन पूजा अर्चना की जाती है। रामनवमी की पूजा में पहले देवताओं पर जल, रोली और लेपन चढ़ाया जाता है, इसके बाद मूर्तियों पर मुट्ठी भरके चावल चढ़ाये जाते हैं। पूजा के बाद आ‍रती की जाती है। कुछ लोग इस दिन व्रत भी रखते है।

रामनवमी का महत्व
यह पर्व भारत में श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। रामनवमी के दिन ही चैत्र नवरात्र की समाप्ति भी हो जाती है। हिंदु धर्म शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान श्री राम जी का जन्म हुआ था अत: इस शुभ तिथि को भक्त लोग रामनवमी के रूप में मनाते हैं एवं पवित्र नदियों में स्नान करके पुण्य के भागीदार होते है।

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