Cucumber Farming यदि आप भी चाहते है बनना लखपति तो करिये ककड़ी की खेती जो देगा आपको बना मालामाल जानिए कैसे
Cucumber Farming : ककड़ी की खेती अधिकतर गर्मी के दिनों में की जाती है। गर्मियों में ककड़ी की डिमांड बहुत ज्यादा रहती हैं। डिमांड के साथ में इसकी कीमत में भी बढ़त होती रहती है। अगर आपके पास में खेती योग्य और जलआपूर्ति योग्य भूमि है तो आप भी ककड़ी की खेती कर सकते है। ककड़ी के बिज़नेस से आप बहुत ज्यादा मुनाफा कमा सकते है। ककड़ी भारत देश की बहुत प्रसिध्द फसल है।
भारत में बहुत से किसान इसकी फसल से नकदी इनकम कमाते है। और भारत के लगभग 80 % राज्यों में ककड़ी की खेती की जाती है। ककड़ी को सलाद के रूप में बहुत पसंद किया जाता है। ककड़ी को सलाद में महत्वपूर्ण इंग्रेडियन मन जाता है। आइये आगे देखे ककड़ी की खेती से जुडी कुछ रोचक बाते।
ककड़ी की खेती का सही तरीका
ककड़ी की खेती के लिए गर्मी के दिनों में की जाती है। ककड़ी की खेती के लिए शुष्क जलवायु बहुत अच्छी मानी जाती है। ककड़ी के पौधे के लिए 25 डिग्री से लेकर 35 डिग्री सेल्सियस के बिच में होना चाहिए। ककड़ी के लिए तापमान का समान रहना भी जरुरी रहता है। और ककड़ी की खेती के लिए इसके बीजो का जमाव 20 डिग्री सेल्सियस से काम का तापमान रहना चाहिए।
ककड़ी की जुताई कैसे करे
ककड़ी की खेती के लिए लगभग 3 से लेकर 4 बार खेतों की जुताई करने की आवश्यकता पड़ती है। इसके बाद में खेतो में बीजो को उगाने से पहले खेत में नाली बनाने की आवश्यक होती है। और जब खेती में पानी छोड़ना पड़ता है जिससे कुछ दिन में खेतो में नमी आ जाती है। और तब आप खेतो में ककड़ी की बुवाई का काम शुरू किया जा सकता है। खेत में नमी आ जाये और बीज बुवाई की प्रकिया पूरी हो जाये तो मिट्टी में ही बीजो का धीरे धीरे अंकुरण होने लगता है। और यह बहुत तेज गति से अच्छी तरह फसल को तैयार करता है।
ककड़ी के लिए बेहतर मिट्टी
ककड़ी की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी बहुत अच्छी होती है। इस मिट्टी में ककड़ी का उत्पादन काफी बेहतर होता है। इसकी खेती के लिए बहुत अधिक पानी की जरूरत नहीं होती है, जिस कारण खेतों में जल निकासी की अच्छी व्यवस्था होना जरूरी होता है।
ककड़ी के लिए सिचाई प्रबंधन
ककड़ी की खेती के लिए अन्य फसलों की अपेक्षा अधिक सिचाई की जरुरत नहीं होती है। क्योकि ककड़ी की खेती में बुवाई के लिए फ़रवरी से मार्च का समय बहुत अच्छा होता है। फरवरी और मार्च के महीने में खेतो में नमी के बहुत आवश्यकता पड़ती है। ग्रीष्म ऋतू के महीने में ककड़ी की 5 से 7 दिनों के अंतर में सिचाई करना जरुरी होता है।
ककड़ी की तुड़ाई कितने दिनों में करें
ककड़ी ककी फसल लगभग 60 से 70 दिनों में तुडाई के लिए तैयार हो जाती है। ककड़ी की फसल के लिए एक हेक्टेयर खेत में किसान को 200 से 250 क्विंटल तक लगभग पैदावार प्राप्त हो सकती है। यह उपज इसकी खेती के तरीके, किस्म, उर्वरक और जलवायु पर निर्भर करती हैं। ककड़ी की फसल में तुड़ाई जब फल हरे और मुलायम हो जाए तब ही करनी चाहिए. समय से पहले फलों की तुड़ाई करने पर यह सूखने लगती है और बाजार में इसकी मांग भी घटने लगती है।
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